भारतीय सेना का एक दल भारत-मंगोलिया संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘Nomadic Elephant’ के 17वें संस्करण में भाग लेने के लिए मंगोलिया की राजधानी उलानबाटर के लिए आज रवाना हुआ। यह अभ्यास 31 मई से 13 जून 2025 तक आयोजित किया जाएगा। यह एक वार्षिक सैन्य अभ्यास है जिसे बारी-बारी से भारत और मंगोलिया में आयोजित किया जाता है। पिछला संस्करण जुलाई 2024 में मेघालय के उमरोई में आयोजित हुआ था।
भारतीय दल और अभ्यास की प्रकृति
इस वर्ष भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व मुख्य रूप से अरुणाचल स्काउट्स की एक बटालियन के 45 सैनिक करेंगे। वहीं मंगोलियाई सेना की ओर से 150 Special Forces के सैनिक इस अभ्यास में भाग लेंगे।
अभ्यास का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों की सेनाओं के बीच सेमी-कन्वेंशनल ऑपरेशनों और संयुक्त कार्यबलों की तैनाती को लेकर अंतर-संचालन क्षमता (interoperability) को बढ़ाना है, विशेषकर अर्ध-शहरी और पहाड़ी क्षेत्रों में संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के अंतर्गत।
प्रशिक्षण की मुख्य गतिविधियाँ
यह अभ्यास प्लाटून स्तर का Field Training Exercise होगा, जिसमें भारतीय और मंगोलियाई सैनिक निम्नलिखित प्रशिक्षण गतिविधियों में भाग लेंगे:
- एंड्यूरेंस ट्रेनिंग (सहनशक्ति प्रशिक्षण)
- रिफ्लेक्स शूटिंग
- रूम इंटरवेंशन और क्लोज-क्वार्टर बैटल
- स्मॉल टीम टैक्टिक्स (छोटी टुकड़ियों की रणनीति)
- रॉक क्राफ्ट ट्रेनिंग (पहाड़ी चढ़ाई और रेस्क्यू तकनीक)
इसके अलावा, इस वर्ष के अभ्यास में Cyber Warfare से जुड़े पहलुओं को भी शामिल किया गया है, जिससे अभ्यास की जटिलता और व्यावहारिकता दोनों में वृद्धि होगी।
भारत-मंगोलिया रक्षा सहयोग की मिसाल
‘Nomadic Elephant’ अभ्यास दोनों देशों के बीच मजबूत सैन्य संबंधों, क्षेत्रीय सुरक्षा, शांति और स्थिरता की दिशा में साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह अभ्यास भारत और मंगोलिया के बीच सांस्कृतिक समझ, पेशेवर सहयोग, और मित्रता को और गहरा करता है।
यह संयुक्त अभ्यास ना सिर्फ दो सेनाओं को एक-दूसरे से सीखने का अवसर देगा, बल्कि यह दोनों देशों के बीच भरोसे, सैन्य क्षमता निर्माण और रणनीतिक समन्वय का भी प्रतीक है।