1 जुलाई 2025 को भारतीय नौसेना ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की। रूस के कालिनिनग्राद में
INS Tamal को औपचारिक रूप से भारतीय नौसेना में शामिल किया गया। यह युद्धपोत Tushil
class का दूसरा युद्धपोत है और अत्याधुनिक तकनीकों से लैस है।
आपको बता दें कि इस क्लास के कुल चार युद्धपोत बनाए जा रहे हैं, जिनमे से दो का निर्माण रूस में
हो चुका है और दो का निर्माण गोवा शिप्यार्ड लिमिटेड द्वारा भारत में ही किया जा रहा है। इस class
का पहला युद्धपोत INS Tushil को पिछले साल दिसम्बर में भारतीय नौसेना में शामिल किया जा
चुका है।
क्या है INS Tamal?
INS Tamal एक स्टील्थ फ्रिगेट है, जिसे भारतीय और रूसी तकनीकी साझेदारी के तहत तैयार
किया गया है। यह आठवां युद्धपोत है जो प्रोजेक्ट 1135.6 के तहत बनाया गया है और यह दूसरे नंबर
की "Tushil Class” की जहाज है। यह पोत भारतीय नौसेना की पश्चिमी कमान के तहत काम
करेगा।
खासियत क्या है INS Tamal की?
INS Tanak में की आधुनिक weapons और sensors लगाए गए हैं। इसकी मुख्य
विशेषताएं इस प्रकार है:
- BrahMos सुपरसोनिक मिसाइलों से लैस
- Shtil-1 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम
- 100 mm मेन गन और 30 mm CIWS
- ASW रॉकेट और भारी टॉरपीडो
- Humsa-NG सोनार सिस्टम (स्वदेशी)
- Kamov 28/31 हेलिकॉप्टर ले जाने में सक्षम
इस युद्धपोत में करीब 26% स्वदेशी उपकरण लगाए गए हैं, जो “आत्मनिर्भर भारत” और “मेक इन
इंडिया” को मजबूती देते हैं।
किसने किया कमिशन?
INS Tamal को भारतीय नौसेना की पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ
वाइस एडमिरल संजय जसजीत सिंह की मौजूदगी में कमीशन किया गया।
क्यों खास है यह युद्धपोत?
INS Tamal समुद्र में चारों दिशाओं—हवाई, सतह, पानी के नीचे और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध—में लड़ने में
सक्षम है। इसका आधुनिक युद्ध प्रबंधन सिस्टम और NBC (न्यूक्लियर, बायोलॉजिकल, केमिकल)
डिफेंस इसे बेहद शक्तिशाली बनाते हैं।
INS Tamal भारतीय नौसेना की ताकत को और मजबूत करता है। यह युद्धपोत न केवल
आधुनिक तकनीक का प्रतीक है, बल्कि भारत-रूस के मजबूत रक्षा संबंधों का भी उदाहरण है।
अब यह पोत जल्द ही भारत के कारवार पोर्ट पहुंचेगा और समुद्री सीमाओं की रक्षा में तैनात
होगा।