नई दिल्ली: देश में सड़क सुरक्षा को लेकर सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने घोषणा की है कि 1 जनवरी 2026 से भारत में बिकने वाले सभी नए दोपहिया वाहनों—चाहे वह बाइक हो या स्कूटर—में इंजन क्षमता की परवाह किए बिना एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS) लगाना अनिवार्य होगा।
अब तक यह नियम सिर्फ 125cc या उससे अधिक इंजन क्षमता वाले टू-व्हीलर्स पर लागू था, लेकिन नए नियम के बाद एंट्री-लेवल बाइक्स और स्कूटर्स में भी यह प्रीमियम सेफ्टी फीचर मिलेगा। सरकार का कहना है कि इस कदम से सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी और दोपहिया वाहन चालकों की सुरक्षा में बड़ा इजाफा होगा, क्योंकि 2022 में सड़क दुर्घटनाओं में 44% मौतें दोपहिया वाहनों से जुड़ी थीं।
डीलर को देने होंगे दो BIS प्रमाणित हेलमेट
नए नियम के तहत अब हर नए दोपहिया वाहन की डिलीवरी के समय डीलर को दो BIS-प्रमाणित हेलमेट देना भी अनिवार्य होगा—एक चालक के लिए और दूसरा पीछे बैठने वाले यात्री के लिए। सरकार का मानना है कि हेलमेट की उपलब्धता बढ़ने से सिर में चोट की घटनाओं और मौतों में कमी आएगी।
क्या है ABS और क्यों है जरूरी?
ABS यानी एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम एक ऐसा सेफ्टी फीचर है जो अचानक ब्रेक लगाने पर टायर को लॉक होने से रोकता है, जिससे बाइक या स्कूटर फिसलने का खतरा कम हो जाता है। इससे वाहन का संतुलन बना रहता है और दुर्घटनाओं की संभावना 35-45% तक घट सकती है।
कीमत पर असर
विशेषज्ञों का मानना है, कि ABS अनिवार्य होने से एंट्री-लेवल टू-व्हीलर्स की कीमत में 2,000 से 5,000 रुपये तक की बढ़ोतरी हो सकती है, लेकिन सरकार का कहना है कि लोगों की सुरक्षा सबसे ऊपर है।
जनवरी 2026 से भारत में बिकने वाले सभी नए दोपहिया वाहनों में ABS और दो BIS प्रमाणित हेलमेट देना अनिवार्य होगा। सरकार का यह फैसला देश में सड़क सुरक्षा के लिए एक बड़ा और स्वागत योग्य कदम है।