झांसी रेलवे स्टेशन पर शुक्रवार को एक चौंकाने वाली घटना सामने आई जब पातालकोट एक्सप्रेस (ट्रेन नंबर 14624) में एक फर्जी महिला टीटीई टिकट चेक करते हुए पकड़ी गई। हैरान करने वाली बात यह थी कि भीषण गर्मी के बावजूद वह महिला जैकेट पहनकर यात्रियों के टिकट जांच रही थी, जिससे यात्रियों को शक हुआ और फिर मामला खुलकर सामने आया।
कैसे पकड़ी गई फर्जी टीटीई?
यह घटना डबरा स्टेशन से शुरू हुई, जहां यात्रियों ने महिला की गतिविधियों पर संदेह जताया और कंट्रोल मैसेज के माध्यम से झांसी स्टेशन को जानकारी दी गई। झांसी पहुंचने पर रेलवे स्टेशन स्टाफ और आरपीएफ (रेलवे सुरक्षा बल) ने त्वरित कार्रवाई करते हुए महिला को ट्रेन से उतारा।
महिला को प्लेटफॉर्म पर सीटीआई राजेंद्र कुमार और महिला आरपीएफ कर्मी उमा सिंह द्वारा रोका गया और आरपीएफ पोस्ट ले जाया गया, जहां उससे घंटों तक पूछताछ की गई।
फर्जी टीटीई पर तुरंत कार्रवाई क्यों नहीं हुई?
पूछताछ के बाद जब मामला चर्चा में आया तो आरपीएफ ने जीआरपी (Government Railway Police) से संपर्क किया, लेकिन जीआरपी ने तहरीर या लिखित शिकायत के अभाव में कोई कानूनी कार्रवाई करने से इंकार कर दिया।
जीआरपी प्रभारी योगेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि बिना शिकायत और सबूत के किसी पर भी कार्रवाई संभव नहीं है। इस वजह से आरपीएफ को महिला को वापस ले जाना पड़ा।
क्या अब मिलेगी सजा?
इस घटना ने रेलवे सुरक्षा व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। बिना किसी वैध पहचान के एक महिला इतनी आसानी से टीटीई बनकर यात्रियों से टिकट जांच सकती है, यह रेलवे की लापरवाही को दर्शाता है।
आरपीएफ ने अब इस मामले की नए सिरे से जांच शुरू कर दी है और देर रात तक रणनीति बनाई जा रही थी कि फर्जी महिला टीटीई पर किस तरह की कार्रवाई की जा सकती है।
यह घटना रेलवे सुरक्षा और निगरानी तंत्र की कमजोरियों को उजागर करती है। यात्रियों की सतर्कता और जागरूकता से ही यह मामला उजागर हो पाया, वरना फर्जी टीटीई न जाने कितने यात्रियों को ठग चुकी होती। अब देखना यह है कि रेलवे प्रशासन इस पर क्या ठोस कदम उठाता है।